मिया ये नखलऊ है! यहाँ कभी लाइट नहीं जाती- हाँ बत्ती रोज गायब रहती है

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

लखनऊ में बिजली नहीं जाती, बत्ती ‘गायब’ होती है। जैसे मोहल्ले की आंटी का बेटा अमेरिका चला जाता है – “अभी-अभी गया है, आता ही होगा।” बस वैसा ही हाल है यहाँ की बत्ती का।

उर्जा मंत्री शर्मा जी: जिनके पोस्ट में लखनऊ बिजली से रोशन है

शर्मा जी के सोशल मीडिया पर लखनऊ में सौर ऊर्जा से भी तेज़ उजाला दिखता है।
स्टेटस: “24 घंटे निर्बाध आपूर्ति, जय ऊर्जा!”
असलियत: UPS वाले अंकल के घर से एक्सटेंशन बोर्ड खींचते मोहल्ले वाले।

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बत्ती के जाने का कोई शेड्यूल नहीं, लेकिन उसकी वापसी पर जश्न तय है

यहाँ बिजली कटौती का टाइमटेबल उस सरकारी रिजल्ट से मिलता है जो “जल्द ही घोषित” होगा। पड़ोसी के घर से आती इन्वर्टर की बीप अब अलार्म नहीं, सांत्वना बन चुकी है।

बिजली विभाग की कलाकारी: बिना बताए सस्पेंस और ट्रेलर एक साथ

बिजली का कट जाना इतना सस्पेंसफुल है कि क्रिस्टोफर नोलन भी स्क्रिप्ट चुराने आ जाए। हर कटौती से पहले विभाग का चेहरा ऐसा हो जाता है जैसे कह रहा हो – “काट दिया… पर बताया नहीं… Guess who?”

शर्मा जी के ट्वीट VS जनता की हकीकत: एक इंडिया, दो दुनिया

शर्मा जी की पोस्ट:

“बिजली आपूर्ति रिकॉर्ड स्तर पर, लोगों में प्रसन्नता की लहर!”

जनता की रील:

“#BattiGayi फिर से, SharmaJi ki light नहीं जाती क्या?”

Inverter का नया स्लोगन: “हम तब जलते हैं, जब सिस्टम बुझता है”

लखनऊ का आम नागरिक अब दो चीज़ों से डरता है:

  1. बारिश की एक बूँद

  2. बत्ती का जाना और शर्मा जी का आना

लखनऊ में बिजली सिर्फ रोशनी नहीं, भावना है। जो आती है तो इश्क़ की तरह लगती है, और जाती है तो GST की तरह महसूस होती है – बिना पूछे, बिना माफी।
लेकिन शुक्र है, शर्मा जी के पोस्ट और जनता की मीम्स के बीच जो बत्ती गुल होती है, वह हास्य ज़रूर पैदा करती है।

अगर आप भी लखनऊ में “बत्ती-प्रेमी” हैं, तो शेयर करिए, टैग करिए और Sharma Ji को gentle reminder दीजिए:

“मंत्री जी, आपके पोस्ट से नहीं, बत्ती से रोशनी होती है!

मान साहब प्रेस कॉन्फ्रेंस ले रहे थे या ओपन माइक नाइट चल रही थी? 

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